रक्षाबंधन उत्सव

भारत माता की जय

Monday, 19 August 2019

जय श्री राम

"वागर्थाविव संपृक्तौ वागर्थप्रतिपत्तये।
जगतः पितरौ वन्दे पार्वतीपरमेश्वरौ॥
कालिदास ~~रघुवंशम्
भावार्थ: कालिदास कहते हैं मैं संसार की माता पार्वती और पिता शिव को प्रणाम करता हूँ जो वाणी (शब्द )और अर्थ के समान अलग कहलाते हुए भी परस्पर मिले हुए हैं, एक ही हैं।


No comments:

तुलसीदास

  “पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर । श्रावण शुक्ला सप्तमी , तुलसी धरयो शरीर||" तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा...