रक्षाबंधन उत्सव

भारत माता की जय

Saturday, 17 February 2018

जो करते रहोगे भजन

प्रातः स्मरणीय परम पूज्य संत प्रेममुर्ति श्री प्रेमभुषण जी महाराज के द्वारा गाया गया अनुपम एवं अविस्मरणीय भजन आप सभी मनन एवं चिंतन करें।
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे।।
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।।

अगर उनसे मिलने की दिल में तमन्ना
अगर प्रभु से मिलने की दिल में तमन्ना
अगर हरी से मिलने की दिल में तमन्ना
करो शुद्ध अन्तःकरन धीरे धीरे
करो शुद्ध अन्तःकरन धीरे धीरे

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।।

कोई काम दुनिया में मुश्किल नहीं है
जो करते रहोगे यतन धीरे धीरे
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे।।

करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की
करो प्रेम से भक्ति पूजा हरी की
तो मिल जायेगा वो रतन धीरे धीरे

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।।
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।।

जय हो अवधबिहारी की
सजन धीरे धीरे

No comments:

तुलसीदास

  “पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर । श्रावण शुक्ला सप्तमी , तुलसी धरयो शरीर||" तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा...