रक्षाबंधन उत्सव

भारत माता की जय

Saturday, 17 February 2018

भरोसा

राम भरोसे।। श्री गणेशाय नमः ।। ।। श्री परमात्मने नमः ।।                                                           
              ।। भरोसा ।।

एक भरोसो एक बल एक आस बिस्वास।
एक राम घन स्याम हित चातक तुलसीदास।

मित्रों आज के इस कलियुग में व्यक्ति के ऊपर एक दूसरे के प्रति इतना अविश्वास हों गया है कि अपने पराये हो कर रह गए और पराये अपने परंतु यह अकाट्य सत्य है अंत में अपने ही अपने होते हैं । भरोसा ( विश्वास ) यह ऐसा पहलु है कि राजा को भिखारी और भिखारी को राजा बना देता है ।

भरोसे पर दुनिया का सारा कार्यक्रम चलता है, चाहें व्यापार हों या जीवन का व्यवहार हों ! भरोसा पर ना जाने कितनी कथाएं और लेख आप को मिल जाएंगे, पर मेरा कहना है कि भरोसे पर दुनिया टिकी है , अतः ऐसा कार्य ना करें कि किसी का भरोसा ना टुटे, एक दूसरे पर भरोसा ही जीवन का आधार है।

भरोसा अगर करना है तो परमात्मा का पर करीए जिनकी कृपा से हमारी सांसें चलतीं है,पंक्षी चहचहाती है, पेड़-पौधों पर फुल और फल आते हैं और सारे जगत के क्रिया कलाप हो रहें हैं ।

             ।। जयतु सनातन धर्मः ।।
                  ।। जय श्री राम ।।

No comments:

तुलसीदास

  “पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर । श्रावण शुक्ला सप्तमी , तुलसी धरयो शरीर||" तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा...