।। श्री गणेशाय नमः ।। ।। श्री परमात्मने नमः ।। ।। जय श्री सूर्य नारायण ।।
नमस्सविते, सूर्याय, भास्कराय, विवस्वतै ।
आदित्यादिभूताय, देवांनीनाम नमस्तुते ।।
सूर्य देव को जल अर्पित करने का भी एक विधान है। यदि आप विधानपूर्वक उन्हें अर्घ्य नहीं देंगे तो सकारात्मक की बजाय नकारात्मक परिणाम मिलेंगे। अपकी जन्मकुंडली में सूर्य शुभ है तो समाज में मान-सम्मान के साथ-साथ उच्च पद की भी प्राप्ति होगी। हंसते-खेलते परिवार का साथ मिलेगा और रोगों से कोसों दूर रहेंगे। यदि सूर्य कमजोर है तो जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त रखें ध्यान
१.ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
२.जब सूर्य लालिमा युक्त हो उस समय उनके दर्शन करके अर्घ्य देना शुभ होता है।
३.अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।
४.तीन परिक्रमा करें।
५ मनोवांछित फल पाने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का उच्चारण करें- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
।। जयतु सनातन धर्मः ।।
।। जय सूर्य देव ।।
नमस्सविते, सूर्याय, भास्कराय, विवस्वतै ।
आदित्यादिभूताय, देवांनीनाम नमस्तुते ।।
सूर्य देव को जल अर्पित करने का भी एक विधान है। यदि आप विधानपूर्वक उन्हें अर्घ्य नहीं देंगे तो सकारात्मक की बजाय नकारात्मक परिणाम मिलेंगे। अपकी जन्मकुंडली में सूर्य शुभ है तो समाज में मान-सम्मान के साथ-साथ उच्च पद की भी प्राप्ति होगी। हंसते-खेलते परिवार का साथ मिलेगा और रोगों से कोसों दूर रहेंगे। यदि सूर्य कमजोर है तो जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त रखें ध्यान
१.ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
२.जब सूर्य लालिमा युक्त हो उस समय उनके दर्शन करके अर्घ्य देना शुभ होता है।
३.अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।
४.तीन परिक्रमा करें।
५ मनोवांछित फल पाने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का उच्चारण करें- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
।। जयतु सनातन धर्मः ।।
।। जय सूर्य देव ।।
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