रक्षाबंधन उत्सव

भारत माता की जय

Monday, 1 January 2018

सर्वोत्तम सुक्तिया



भूल जाओ बीते हुए कल को,
दिल मे बसा लो आने वाले कल को,
मुस्कुराओ चाहे जो भी हो पल,
खुशियां लेकेर आएगा आने वाला कल!!

सर्वोत्तम सुक्तिया

आत्मरति :  महान कार्यो के लिए पहली जरुरत है आत्मविश्वास.
आचरण : वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुह से नहीं निकालता.
अति : अति दान से दरिद्रता और अति लोभ से तिरस्कार होता है. अति नाश
का कारन है. इसलिए अति से सर्वदा दूर रहे.
अज्ञान : कला एक शत्रु है, जिस का  नाम है अज्ञान.
असत्य : झूठ बोलने वाले को मित्र मिलता है, पुण्य, यश.
असंभव : प्रत्यके अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है.
अवसर : महान पुरुष अवसर की कमी की शिकायत कभी नहीं करते.

No comments:

तुलसीदास

  “पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर । श्रावण शुक्ला सप्तमी , तुलसी धरयो शरीर||" तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा...