रक्षाबंधन उत्सव

भारत माता की जय

Monday, 6 November 2017

जय श्री राम

।। श्री गणेशाय नमः ।। ।। श्री परमात्मने नमः ।।
‌              * दैनिक सत्कर्म *
                  चौथी पोस्ट -
आदरणीय मित्रों प्रातः काल निम्न श्लोकों का पाठ करने से बहुत कल्याण होता है:-
ऋषि स्मरण--
भृगुर्वसिष्ठ: क्रतुरंगिराश्च,
मनु: पुलस्त्य: पुलहश्च गौतम:।
रैभ्यो मरीचिश्च्यवनश्च दक्ष:,
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।(वामन पुराण)
भृगु, वसिष्ठ,क्रतु,अंगीरा, मनु, पुलस्त्य,पुलह, गौतम,रैम्भ, मरीचि, च्यवन और दक्ष ये समस्त मुनिगण मेरे प्रातः काल को मंगलमय करें।
प्रकृति स्मरण--
पृथ्वी सगन्धा सरसास्तथाप:,
स्पर्शी च वायुज्वर्लितं च तेज:।
नभ: सशब्दं महता सहैव,
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।(वामन पुराण)
गन्ध युक्त पृथ्वी,रसयुक्त जल, स्पर्श युक्त वायु, प्रज्वलित तेज, शब्द सहित आकाश एवं महत्तत्व ये सभी मेरे प्रातः काल को मंगलमय करें।
पुण्य श्लोकों का स्मरण--
पुण्य श्लोको नलो राजा , पुण्य श्लोको जनार्दन:।
पुण्य श्लोको च वैदेही , पुण्य श्लोको युधिष्ठिर:।।१।।
अश्वत्थामा बलिव्यासो ,हनुमांनश्च विभिषण:।
कृप:  परशुरामश्च , सप्तैते  चिरजीविन:।।२।।(पद्मपुराण)
वाराणस्यां भैरवो देव:, संसारभयनाशनं।
अनेकजन्मकृतं पापों , स्मरणेन विनश्यति ।।३।।
उमा उषा च वैदेही, रमा गंगेति पंचकम्।
प्रातरेव पठेन्नित्यं, सौभाग्यं वर्धते सदा ।।४।।
रामलक्ष्मणौ सीता च, सुग्रीवो हनुमान् कपि:।
पंचैतान् स्मरतो नित्यं, महाबाधा प्रमुच्यते।। ५।। (पद्मपुराण)
शेष क्रमशः :-
।। जयतु सनातन धर्मः ।।

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